ADARSH PANDEY

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लेखनी कहानी -21-May-2022

लेखक आदर्श पाण्डेय 

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तुम मन लगाओ मन बढ़ाओ डर है किसका 

जिसका खौफ है तुमको वो भी बिकता है यहा


ना डर के जियो ना मर के  जिओ 

जीना है तो थोड़ा सरल भाव में जिओ 


उम्दा विचार विकशित कर के ज्ञानवान बनिए 

मूर्खो के संघ गुजारा आप ना करिये


तेज चमक का सूरज हो जाओ,पानी का सागर हो जाओ  

मानवता के सामाज में मर्यादा पुरुषोत्तम हो जाओ 


गजल ,कविता शेर -शायर बनकर मैं आता हूँ 

अपने अरमानों के जेहन भाव से पन्नो बिखरता हूँ 

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5 Comments

Seema Priyadarshini sahay

23-May-2022 12:19 AM

👌👌💐💐

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fiza Tanvi

22-May-2022 01:07 PM

Good

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Neelam josi

22-May-2022 01:07 PM

👏👌🙏🏻

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